Thursday, March 26, 2009

एक अपील .........

दोस्तों, साथियो २३ मार्च बीत गया, क्या था २३ मार्च को यही सवाल एक पिता ने अपने पाँच साल के छोटे बच्चे से किया तो बच्चे ने तपाक से कहा -सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है जोर कितना बाजुओं कातिल में है ,पिता जी भड़क गए और उसकी माता से बोले लड़के को संभालो लड़का बाघी हो रहा है ,क्या आज कल देखभाल नही कर रही हो । इस पूरे घटना को अपनी आँखों के सामने देखकर मई स्तब्ध रह गई और बदले में मैंने कुछ सोचा है जो विचार बनकर इस ब्लॉग रुपी हथियार को मजबूत करती रहेगी ,लेकिन मेरी आपसे अपील है की यदि आप भी देख रहे है कुछ ऐसा तो जो आपसे बन सकता है वो करे। ब्लॉग की शुरुआत में इतना ही आगे जारी रहेगा........